Venus in 11th House

ॐ कुलदेवत्यो नमः | ॐ इष्ट देवत्यो नमः | ॐ गुरवे नमः

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फलादेश

यह घर मित्रता, सामाजिक संबंध, समूह और अन्य संबंधों का घर है; यह एक पेशेवर आय का भी घर है। लाल किताब में इसे संतान संबंधों का घर कहा गया है। ग्यारहवां घर में शुक्र ग्रह के जातकों को आमतौर पर उनके मित्रों द्वारा चुना जाता है। इन जातकों को पहले अपने साथी के साथ मित्रता करने की आवश्यकता होती है, और यह उनके रिश्ते का सबसे महत्वपूर्ण पहलू होता है। वे शांत और खुले विचारों वाले होते हैं। वे अपने संबंधों के बारे में भी खुले होते हैं और बहुत पारंपरिक नहीं होते।

शुक्र इस घर में आमतौर पर अच्छी कमाई और स्थिर आय का संकेत देता है, जो जातक को एक शानदार जीवन शैली प्रदान करता है। वे आकर्षक होते हैं और उनके दोस्त उन्हें पसंद करते हैं।

जब शुक्र पीड़ित होता है, तो यह संकेत दे सकता है कि जातक कमाई तो पर्याप्त कर रहा है, लेकिन वह अपने धन को लंबे समय तक संभालने में सक्षम नहीं है, और अपने पैसों का प्रबंधन ठीक से नहीं करता है। ऐसे जातक को यह समझने में कठिनाई होती है कि वह अपने पैसों को कैसे संभालें और कई बार उनकी पत्नी इनके धन का उपयोग गलत करती है।

  1. एकादश भाव शुक्र, शनि एवं बृहस्पति से प्रभावित होता है; क्योंकि यह घर बृहस्पति एवं शनि से सम्बन्धित है।
  2. यह घर तीसरे घर से सम्बन्धित है, जो मंगल एवं बुध से प्रभावित है। अपने भाइयों के द्वारा जातक की पत्नी बहुत लाभकारी सिद्ध होगी।
  3. यदि जातक के 3 साले (पत्नी के भाई) हो, तो लाभ होगा।
  4. पत्नी मायके को माल भेजने वाली होगी।
  5. जातक घर में स्वयं खजांची होगा।
  6. यदि पत्नी खजांची हो, तो किस्मत धन के मामले में लट्टू की भांति घूमेगी।
  7. जातक भेद दिल में दबाकर रखने वाला तथा छिपा रुस्तम होगा।
  8. विधवा स्त्री से दुश्मनी करना, स्त्रियों के सम्बन्ध में बुरा-भला कहते रहना, स्त्रियों से झगड़ा अशुभ शुक्र की निशानी होगी।

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निशानियां

  1. निशानियां
  2. विधवा स्त्रियों से झगड़ा रहता है।
  3. जातक ठरकी एवं स्त्रियों के विषय में अधिक सोचने वाला होता है।
  4. परिवार में किसी को त्वचा रोग होता है।

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सावधानियां

  1. शुक्रवार को व्रत रखें।
  2. परस्त्री एवं स्त्रियों के झगड़े से बचें।
  3. अपने विवाह के समय गाय का दान करें।
  4. अपने पहनावे का ध्यान रखें।
  5. अपने घर आने वाले मेहमानों को भोजन अवश्य करायें।

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उपाय

  1. मछली के तेल का कैप्सूल खायें।
  2. बेल्जीयम का हीरा धारण करें।
  3. सरसों का तेल पानी में बहायें या किसी मंदिर में दान करें।
  4. विधवा से आशीर्वाद लें।
  5. मंदिर में दही या रुई का दान करें।
  6. सोने की राख (स्वर्ण भस्म) खायें।
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